DNewsCafe : राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. सूत्रों के मुताबिक, यह मंजूरी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी NPR को अपडेट करने के लिए दी गई है. जानें- क्या है नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर?
कैसे होगा सर्वे और कब से शुरू होगी नागरिकों की जनगणना?
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) क्या है?
किस तरह होगी भारत में नागरिकों की गणनाआजादी के बाद 1951 में पहली बार हुई थी जनगणना
नरेंद्र मोदी सरकार के कैबिनेट ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को मंजूरी दे दी है. जिसके तहत भारतीय नागरिकों के बायोमेट्रिक और वंशावली को दर्ज किया जाएगा. रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया और जनगणना आयुक्त विवेक जोशी ने हाल ही में कहा था कि असम के अलावा पूरे देश में NPR पर काम शुरू किया जाएगा. नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अंतर्गत 1 अप्रैल 2020 से 30 सितंबर 2020 तक असम के लिए अलावा देशभर में घर- घर जाकर ये जनगणना की जाएगी.
जानें- क्या है पूरी प्रक्रिया और किन- किन चरणों में होगी
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में प्रत्येक नागरिकों को जानकारी रखी जाएगी. ये नागरिकता अधिनियम 1955 के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है. आपको बता दें, कोई भी निवासी जो 6 महीने या उससे अधिक समय से स्थानीय क्षेत्र में निवास कर रहा है तो उसे NPR में अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होता है.
कैसे होगा सर्वे
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में तीन प्रक्रिया होगी. पहले चरण यानी अगले साल एक अप्रैल 2020 लेकर से 30 सितंबर के बीच केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर आंकड़े जुटाएंगे. वहीं दूसरे चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के बीच पूरा होगा. तीसरे चरण में संशोधन की प्रक्रिया 1 मार्च से 5 मार्च के बीच होगी.
कैसे शुरू हुई थी जनगणना
भारत सरकार ने अप्रैल 2010 से सितंबर 2010 के दौरान जनगणना 2011 के लिए घर-घर जाकर सूची तैयार करने तथा प्रत्येक घर की जनगणना के चरण में देश के सभी सामान्य निवासियों के संबंध में विशिष्ट सूचना जमा करके इस डेटाबेस को तैयार करने का कार्य शुरू किया था.
आजादी के बाद 1951 में पहली जनगणना हुई थी. 10 साल में होने वाली जनगणना अब तक 7 बार हो चुकी है. अभी 2011 में की गई जनगणना के आंकड़े उपलब्ध हैं और 2021 की जनगणना पर काम जारी है. बायोमेट्रिक डाटा में नागरिक का अंगूठे का निशान और अन्य जानकारी शामिल होगी.
क्या है उद्देश्य
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) का उद्देश्य इस प्रकार है-
– सरकारी योजनाओं के अन्तर्गत दिया जाने वाला लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे और व्यक्ति की पहचान की जा सके.
– नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के द्वारा देश की सुरक्षा में सुधार किया जा सके और आतंकवादी गतिविधियों को रोकने में सहायता प्राप्त हो सके.
– देश के सभी नागरिकों को एक साथ जोड़ा जा सके.