MERI AKHRI ISHSHA PURI HUIE MOT KO BHI MAT DI…..ATAL BIHARI VAJPAYEE
मौत खड़ी थी सर पर
इसी इंतजार में थी
ना झूकेगा ध्वज मेरा
15 अगस्त के मौके पर
तू ठहर इंतजार कर
लहराने दे बुलंद इसे
मैं एक दिन और लड़ूंगा
मौत तेरे से
मंजूर नही है कभी मुझे
झुके तिंरगा स्वतंत्रता के मौके पे ??
? कोटि कोटि नमन ?
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी
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